जेसा
की आप सभी जानते हें की नारियल एक ऐसी वस्तु है जो कि किसी भी सात्त्विक
अनुष्ठान, सात्त्विक पूजा, धार्मिक कृत्यों तथा हरेक मांगलिक कार्यों के
लिये सबसे अधिक महत्वपूर्ण सामग्री है. इसकी कुछ विभिन्न विधियों द्वारा हम
अपने पारिवारिक, दाम्पत्य तथा आर्थिक परेशानियों से निजात पा सकते हैं.
ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु विशेषज्ञ पंडित दयानंद शास्त्री के अनुसार
—–घर में किसी भी प्रकार की आर्थिक समस्या हो तो—-
एक नारियल पर चमेली का तेल मिले सिन्दूर से स्वास्तिक का चिन्ह बनायें. कुछ भोग (लड्डू अथवा गुड़ चना) के साथ हनुमान जी के मन्दिर में जाकर उनके चरणों में अर्पित करके ऋणमोचक मंगल स्तोत्र का पाठ करें. तत्काल लाभ प्राप्त होगा.
—यदि कुण्ड़ली में शनि, राहू, केतु की अशुभ दृष्टि, इसकी अशुभ दशा , शनि की ढ़ैया या साढ़े साती चल रही तो-
एक सूखे मेवे वाला नारियल लेकर उस पर मुँह के आकार का एक कट करें. उसमें पाँच रुपये का मेवा और पाँच रुपये की चीनी का बुरादा भर कर ढ़क्कन को बन्द कर दें. पास ही किसी किसी पीपल के पेड़ के नीचे एक हाथ या सवा हाथ गढ्ढ़ा खोदकर उसमें नारियल को स्थापित कर दें. उसे मिट्टी से अच्छे से दबाकर घर चले जायें. ध्यान रखें कि पीछे मुड़कर नही देखना. सभी प्रकार के मानसिक तनाव से छुटकारा मिल जायेगा.
—-यदि आपके व्यापार में लगातार हानि हो रही हो, घाटा रुकने का नाम नही ले रहा हो तो -
गुरुवार के दिन एक नारियल सवा मीटर पीले वस्त्र में लपेटे. एक जोड़ा जनेऊ, सवा पाव मिष्ठान के साथ आस-पास के किसी भी विष्णु मन्दिर में अपने संकल्प के साथ चढ़ा दें. तत्काल ही लाभ प्राप्त होगा. व्यापार चल निकलेगा.
यदि धन का संचय न हो पा रहा हो, परिवार आर्थिक दशा को लेकर चिन्तित हो तो-
शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी के मन्दिर में एक जटावाला नारियल, गुलाब, कमल पुष्प माला, सवा मीटर गुलाबी, सफ़ेद कपड़ा, सवा पाव चमेली, दही, सफ़ेद मिष्ठान एक जोड़ा जनेऊ के साथ माता को अर्पित करें. माँ की कपूर व देसी घी से आरती उतारें तथा श्रीकनकधारास्तोत्र का जाप करें. धन सम्बन्धी समस्या तत्काल समाप्त हो जायेगी.
—–शनि, राहू या केतु जनित कोई समस्या हो, कोई ऊपरी बाधा हो, बनता काम बिगड़ रहा हो, कोई अनजाना भय आपको भयभीत कर रहा हो अथवा ऐसा लग हो कि किसी ने आपके परिवार पर कुछ कर दिया है तो इसके निवारण के लिये-
शनिवार के दिन एक जलदार जटावाला नारियल लेकर उसे काले कपड़े में लपेटें. 100 ग्राम काले तिल, 100 ग्राम उड़द की दाल तथा एक कील के साथ उसे बहते जल में प्रवाहित करें. ऐसा करना बहुत ही लाभकारी होता है
.—–किसी भी प्रकार की बाधा, नजर दोष, किसी भी प्रकार का भयंकर ज्वर, गम्भीर से गम्भीर रोगों की समस्या विशेषकर रक्त सम्बन्धी हो तो-
शनिवार के दिन एक नारियल, लाल कपड़े में लपेटकर उसे अपने ऊपर सात बार उवारें. किसी भी हनुमान मन्दिर में ले जाकर उसे हनुमान जी के चरणों में अर्पित कर दें. इस प्रयोग से तत्काल लाभ होगा.
—-यदि राहू की कोई समस्या हो, तनाव बहुत अधिक रहता हो, क्रोध बहुत अधिक आ रहा हो, बनता काम बिगड़ रहा हो, परेशानियों के कारण नींद न आ रही हो तो-
बुधवार की रात्रि को एक नारियल को अपने पास रखकर सोयें. अगले दिन अर्थात् वीरवार की सुबह वह नारियल कुछ दक्षिणा के साथ गणेश जी के चरणों में अर्पित कर दें. मन्दिर में यथासम्भव 11 या 21 लगाकर दान कर कर दें. हर प्रकार का अमंगल, मंगल में बदल जायेगा
.—–यदि आप किसी गम्भीर आपत्ति में घिर गये हैं. आपको आगे बढ़ने का कोई रास्ता नही दिख रहा हो तो -
दो नारियल, एक चुनरी, कपूर, गूलर के पुष्प की माला से देवी दुर्गा का दुर्गा मंदिर में पूजन करें. एक नारियल चुनरी में लपेट कर (यथासम्भव दक्षिणा के साथ) माता के चरणों में अर्पित कर दें. माता की कपूर से आरती करें. ‘हुं फ़ट्’ बोलकर दूसरा नारियल फ़ोड़कर माता को बलि दें. सभी प्रकार के अनजाने भय तथा शत्रु बाधा से तत्काल लाभ होगा. —
—–घर में किसी भी प्रकार की आर्थिक समस्या हो तो—-
एक नारियल पर चमेली का तेल मिले सिन्दूर से स्वास्तिक का चिन्ह बनायें. कुछ भोग (लड्डू अथवा गुड़ चना) के साथ हनुमान जी के मन्दिर में जाकर उनके चरणों में अर्पित करके ऋणमोचक मंगल स्तोत्र का पाठ करें. तत्काल लाभ प्राप्त होगा.
—यदि कुण्ड़ली में शनि, राहू, केतु की अशुभ दृष्टि, इसकी अशुभ दशा , शनि की ढ़ैया या साढ़े साती चल रही तो-
एक सूखे मेवे वाला नारियल लेकर उस पर मुँह के आकार का एक कट करें. उसमें पाँच रुपये का मेवा और पाँच रुपये की चीनी का बुरादा भर कर ढ़क्कन को बन्द कर दें. पास ही किसी किसी पीपल के पेड़ के नीचे एक हाथ या सवा हाथ गढ्ढ़ा खोदकर उसमें नारियल को स्थापित कर दें. उसे मिट्टी से अच्छे से दबाकर घर चले जायें. ध्यान रखें कि पीछे मुड़कर नही देखना. सभी प्रकार के मानसिक तनाव से छुटकारा मिल जायेगा.
—-यदि आपके व्यापार में लगातार हानि हो रही हो, घाटा रुकने का नाम नही ले रहा हो तो -
गुरुवार के दिन एक नारियल सवा मीटर पीले वस्त्र में लपेटे. एक जोड़ा जनेऊ, सवा पाव मिष्ठान के साथ आस-पास के किसी भी विष्णु मन्दिर में अपने संकल्प के साथ चढ़ा दें. तत्काल ही लाभ प्राप्त होगा. व्यापार चल निकलेगा.
यदि धन का संचय न हो पा रहा हो, परिवार आर्थिक दशा को लेकर चिन्तित हो तो-
शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी के मन्दिर में एक जटावाला नारियल, गुलाब, कमल पुष्प माला, सवा मीटर गुलाबी, सफ़ेद कपड़ा, सवा पाव चमेली, दही, सफ़ेद मिष्ठान एक जोड़ा जनेऊ के साथ माता को अर्पित करें. माँ की कपूर व देसी घी से आरती उतारें तथा श्रीकनकधारास्तोत्र का जाप करें. धन सम्बन्धी समस्या तत्काल समाप्त हो जायेगी.
—–शनि, राहू या केतु जनित कोई समस्या हो, कोई ऊपरी बाधा हो, बनता काम बिगड़ रहा हो, कोई अनजाना भय आपको भयभीत कर रहा हो अथवा ऐसा लग हो कि किसी ने आपके परिवार पर कुछ कर दिया है तो इसके निवारण के लिये-
शनिवार के दिन एक जलदार जटावाला नारियल लेकर उसे काले कपड़े में लपेटें. 100 ग्राम काले तिल, 100 ग्राम उड़द की दाल तथा एक कील के साथ उसे बहते जल में प्रवाहित करें. ऐसा करना बहुत ही लाभकारी होता है
.—–किसी भी प्रकार की बाधा, नजर दोष, किसी भी प्रकार का भयंकर ज्वर, गम्भीर से गम्भीर रोगों की समस्या विशेषकर रक्त सम्बन्धी हो तो-
शनिवार के दिन एक नारियल, लाल कपड़े में लपेटकर उसे अपने ऊपर सात बार उवारें. किसी भी हनुमान मन्दिर में ले जाकर उसे हनुमान जी के चरणों में अर्पित कर दें. इस प्रयोग से तत्काल लाभ होगा.
—-यदि राहू की कोई समस्या हो, तनाव बहुत अधिक रहता हो, क्रोध बहुत अधिक आ रहा हो, बनता काम बिगड़ रहा हो, परेशानियों के कारण नींद न आ रही हो तो-
बुधवार की रात्रि को एक नारियल को अपने पास रखकर सोयें. अगले दिन अर्थात् वीरवार की सुबह वह नारियल कुछ दक्षिणा के साथ गणेश जी के चरणों में अर्पित कर दें. मन्दिर में यथासम्भव 11 या 21 लगाकर दान कर कर दें. हर प्रकार का अमंगल, मंगल में बदल जायेगा
.—–यदि आप किसी गम्भीर आपत्ति में घिर गये हैं. आपको आगे बढ़ने का कोई रास्ता नही दिख रहा हो तो -
दो नारियल, एक चुनरी, कपूर, गूलर के पुष्प की माला से देवी दुर्गा का दुर्गा मंदिर में पूजन करें. एक नारियल चुनरी में लपेट कर (यथासम्भव दक्षिणा के साथ) माता के चरणों में अर्पित कर दें. माता की कपूर से आरती करें. ‘हुं फ़ट्’ बोलकर दूसरा नारियल फ़ोड़कर माता को बलि दें. सभी प्रकार के अनजाने भय तथा शत्रु बाधा से तत्काल लाभ होगा. —
No comments:
Post a Comment