मंदिर जाकर हर व्यक्ति मानसिक शांति महसूस करता
है। इसीलिए लोग सुबह और शाम दोनों समय मंदिर जाते हैं। लेकिन मंदिर के
दर्शन के समय के भी कुछ नियम हमारे धर्मशास्त्रों मेंबताए गए हैं। जिनका
पालन मंदिर में दर्शन करते समय अनिवार्य माना गया है।
माना
माना
जाता है
कि इन नियमों का पालन करते हुए
यदि दर्शन ना किए जाए तो दर्शन का पूरा फल नहीं मिलता है।
1-मंदिर में चमड़े से बनी चीजें लेकर नहीं जाना चाहिए।
2- मंदिर के प्रांगणमें जूते-चप्पल पहनकर न जाएं उन्हें मंदिर के बाहर ही उतारें। मंदिर के प्रांगण अथवा देवालय के बाहर जूते-चप्पल उतारने ही पड़े, तो देवता की दाहिनी ओर उतारें।
3-मंदिर जाने से पहले पैर जरूर धोएं।
4- मंदिर के प्रवेशद्वार व गरुडध्वज को नमस्कार करें।
5- हाथमें जल लेकर"" अपवित्र: पवित्रो:""",
ऐसा तीनबार बोलते हुए अपने संपूर्ण शरीरपर तीन बार जल छिडकें ।
6- मंदिर में जाएं तो सिर जरूर ढकें। दर्शन के लिए जाते समय पुरुष भक्तजनों को रुमाल तथा स्त्रीभक्तों को पल्लू से अपने सिर को ढकना चाहिए ।
7-भगवान के दर्शन हमेशा बैठकर करें।
जय कारा वीर बजरंगी......हर हर महादेव.
कि इन नियमों का पालन करते हुए
यदि दर्शन ना किए जाए तो दर्शन का पूरा फल नहीं मिलता है।
1-मंदिर में चमड़े से बनी चीजें लेकर नहीं जाना चाहिए।
2- मंदिर के प्रांगणमें जूते-चप्पल पहनकर न जाएं उन्हें मंदिर के बाहर ही उतारें। मंदिर के प्रांगण अथवा देवालय के बाहर जूते-चप्पल उतारने ही पड़े, तो देवता की दाहिनी ओर उतारें।
3-मंदिर जाने से पहले पैर जरूर धोएं।
4- मंदिर के प्रवेशद्वार व गरुडध्वज को नमस्कार करें।
5- हाथमें जल लेकर"" अपवित्र: पवित्रो:""",
ऐसा तीनबार बोलते हुए अपने संपूर्ण शरीरपर तीन बार जल छिडकें ।
6- मंदिर में जाएं तो सिर जरूर ढकें। दर्शन के लिए जाते समय पुरुष भक्तजनों को रुमाल तथा स्त्रीभक्तों को पल्लू से अपने सिर को ढकना चाहिए ।
7-भगवान के दर्शन हमेशा बैठकर करें।
जय कारा वीर बजरंगी......हर हर महादेव.
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