चार बातें प्राणी को अपराध करने से रोकती हैं :-
(1) ईश्वर का डर;
(2) राज्य के कानून का डर;
(3) कुल के मर्यादा की परवाह और
(4) लोकापवाद का डर ! --
दुर्भाग्य से आज वे चारों बातें नहीं हैं ! --
राजनीतिक पार्टियों की सरकारें, सुनियोजित ढंग से, पूरे देश को ही भ्रष्ट और अपराधी बना रही है ! -- समाज जब इमानदार होगा, तब सरकार, अनाचार और अन्याय कर ही नहीं सकती है ! मित्र, मात्र 273 इमानदार और चरित्रवान ब्यक्ति सुशाशन स्थापित करके, महज 5 सालों में लोक कल्याणकारी राज्य की नीव दाल देंगे ........ -- अरथात = यदि 273 निर्वाचन छेत्र अपने यहाँ से एक एक इमानदार और चरित्रवान ब्यक्ति को अपना प्रतिनिधि चुनकर लोकसभा में भेज दें, तो पार्टियाँ अर्थहीन होजायेंगी, और लोक कल्याणकारी राज्य की नीव पर जायेगी ! -- परन्तु खेद है = ''ना तो नौ मन तेल होगा ना ही राधा नाचेगी'' ....
(1) ईश्वर का डर;
(2) राज्य के कानून का डर;
(3) कुल के मर्यादा की परवाह और
(4) लोकापवाद का डर ! --
दुर्भाग्य से आज वे चारों बातें नहीं हैं ! --
राजनीतिक पार्टियों की सरकारें, सुनियोजित ढंग से, पूरे देश को ही भ्रष्ट और अपराधी बना रही है ! -- समाज जब इमानदार होगा, तब सरकार, अनाचार और अन्याय कर ही नहीं सकती है ! मित्र, मात्र 273 इमानदार और चरित्रवान ब्यक्ति सुशाशन स्थापित करके, महज 5 सालों में लोक कल्याणकारी राज्य की नीव दाल देंगे ........ -- अरथात = यदि 273 निर्वाचन छेत्र अपने यहाँ से एक एक इमानदार और चरित्रवान ब्यक्ति को अपना प्रतिनिधि चुनकर लोकसभा में भेज दें, तो पार्टियाँ अर्थहीन होजायेंगी, और लोक कल्याणकारी राज्य की नीव पर जायेगी ! -- परन्तु खेद है = ''ना तो नौ मन तेल होगा ना ही राधा नाचेगी'' ....
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