34 साल बाद बना अदभुत संयोग, मां के साथ बरसेगी हनुमानजी की कृपा!
**********************************************
34 साल बाद नवरात्रों पर अद्भुत संयोग बन रहा है। इसके बाद यह संयोग 27 साल बाद ही बनेगा। इसलिए इस शारदीय नवरात्र में खुशियां ही खु
**********************************************
34 साल बाद नवरात्रों पर अद्भुत संयोग बन रहा है। इसके बाद यह संयोग 27 साल बाद ही बनेगा। इसलिए इस शारदीय नवरात्र में खुशियां ही खु
शियां होगी। इस बार शारदीय नवरात्र मंगलवार को शुरू होकर मंगलवार को ही पूरे होंगे। यह संयोग 34 वर्ष पूर्व 1978 में बना था।
भविष्य में 27 साल बाद 2039 में यह संयोग बनेगा। हालांकि इस बार 9 की जगह 8 दिन ही मां भगवती की आराधना होगी।
मंगलवार को नव
रात्र के मंगल कलश की स्थापना होगी। 23 अक्टूबर मंगलवार को नवरात्र पूर्ण हो जाएंगे। ऐसा दुर्लभ संयोग 34 वर्ष पूर्व तीन अक्टूबर 1978 को बना था।
प्रथम नवरात्र को मंगलवार था। 10 अक्टूबर को नवरात्र पूर्ण हुए उस दिन भी मंगलवार ही था। आगामी 18 अक्टूबर 2039 में भी ऐसा संयोग बनेगा।
प्रथम नवरात्र मंगलवार को रहेगा और 25 अक्टूबर 2039 के दिन भी मंगलवार होगा। इस बार मंगल भी अपनी ही राशि वृश्चिक राशि में रहेगा। इसलिए मंगल को बल मिलेगा।
मंगल प्रबल होने से मंगल ही मंगल होगा। इस योग में मातारानी की विशेष कृपा तो होगी ही साथ ही हनुमानजी की भी कृपा दृष्टि रहेगी।
इस बार 16 से 23 अक्टूबर को शारदीय नवरात्र हैं। 18 अक्टूबर को तृतीया और चतुर्थी तिथि का संयोग होने से एक तिथि घट गई और नवरात्र नौ दिन की बजाए आठ दिन के रह गए।
साल 2013 में पांच से 12 अक्टूबर तक आठ दिन के नवरात्र होंगे। अगले वर्ष नवरात्र में अष्टमी और नवमी तिथि एक ही दिन 12 अक्टूबर को होगी। 2014 में भी अष्टमी और नवमी एक ही दिन आएगी।
भविष्य में 27 साल बाद 2039 में यह संयोग बनेगा। हालांकि इस बार 9 की जगह 8 दिन ही मां भगवती की आराधना होगी।
मंगलवार को नव
रात्र के मंगल कलश की स्थापना होगी। 23 अक्टूबर मंगलवार को नवरात्र पूर्ण हो जाएंगे। ऐसा दुर्लभ संयोग 34 वर्ष पूर्व तीन अक्टूबर 1978 को बना था।
प्रथम नवरात्र को मंगलवार था। 10 अक्टूबर को नवरात्र पूर्ण हुए उस दिन भी मंगलवार ही था। आगामी 18 अक्टूबर 2039 में भी ऐसा संयोग बनेगा।
प्रथम नवरात्र मंगलवार को रहेगा और 25 अक्टूबर 2039 के दिन भी मंगलवार होगा। इस बार मंगल भी अपनी ही राशि वृश्चिक राशि में रहेगा। इसलिए मंगल को बल मिलेगा।
मंगल प्रबल होने से मंगल ही मंगल होगा। इस योग में मातारानी की विशेष कृपा तो होगी ही साथ ही हनुमानजी की भी कृपा दृष्टि रहेगी।
इस बार 16 से 23 अक्टूबर को शारदीय नवरात्र हैं। 18 अक्टूबर को तृतीया और चतुर्थी तिथि का संयोग होने से एक तिथि घट गई और नवरात्र नौ दिन की बजाए आठ दिन के रह गए।
साल 2013 में पांच से 12 अक्टूबर तक आठ दिन के नवरात्र होंगे। अगले वर्ष नवरात्र में अष्टमी और नवमी तिथि एक ही दिन 12 अक्टूबर को होगी। 2014 में भी अष्टमी और नवमी एक ही दिन आएगी।
No comments:
Post a Comment