न है , बलहीन है
मारे या काटे कुछ करे,
कुपुत्रों के ही अधीन है
यदि यू ही जारी रहा क्रम ,
गाय के विनाश का
अस्त होगा सूर्य
भारत-भाग्य के आकाश का
बनो आज सभी अर्जुन,
धारण करो श्रीकृष्ण के गुण
या बन जाओ दयानन्द से ध्वजी ,
प्रतिक्षण ही करो गोरक्षण............
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जय गौमाता.
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