Tuesday 28 May 2013

29.05.13


एक दिन यमदुत एक इन्सान के प्राण हरण करने आया, तो उस इन्सान ने कहा: मुझे आप के साथ आना पङेगा?
यमदुत: बिल्कुल
इन्सान: क्योँ?
यमदुत: मेरे पास एक लिस्ट है,उसमे
तेरा नाम सबसे ऊपर है ईसिलिए तुझे मेरे
साथ चलना पङेगा।
इन्सान: चलो अच्छा लेकिन मेरी एक
ईच्छा हे कि हम यहा दोनो साथ मे
खाना खाकर जायेँगेँ।
यमदुत: ठीक है।
( वो इन्सान यमदुत से नजर चुराकर खाने मेँ नीदं की गोलीया मिला देता है।)
खाना खाने के बाद यमदुत को जोरदार नीँद आती है और वो वही सो जाता है,
वो इन्सान मौके का फायदा उठाकर
लिस्ट मेँ से अपना नाम उपर से काटकर
सबसे नीचे लिख देता है।
जब यमदुत नीँद से उठता हे तो कहता है, हे
मानव ! तेरा खाना बहुत स्वादिष्ट था।
मैँ तुझसे खुश हु।
अब मैँ पहले तुझे नही लिस्ट मेँ सबसे नीचे
वाले से जाने की शुरुआत करुंगा।
Moral- मौत को कोई नही टाल सकता,
विधि का जो लेख है वो होकर ही रहेगा..

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