Monday 6 May 2013

07.05.13


~~~~~~सच्चा प्रेम~~~~~~
एक गरीब आदमी अपनी पत्नी के साथ रहता था।
एक दिन पत्नी ने अपने लिए एक कंघे की फरमाइश की ताकि वह अपने लम्बे बालों की देखभाल ठीक से कर सके। पति ने बहुत दुखी मन से मना करते हुई बताया कि पैसे न होने के कारण वह अपनी घड़ी का टूटा हुआ पट्टा भी नहीं सुधरवा पा रहाहै। पत्नी नेअपनी बात पर जोर नहीं दिया।
पति काम पर जाते समय एक घड़ी-दुकान के सामने से गुजरा, उसने अपनी टूटी घड़ी कम दाम पर बेचकर एक कंघा खरीद लिया।
शाम घर आते समय वह खुश था कि अपनी पत्नी को नया कंघा दे सकेगा किन्तु अपनी पत्नी के छोटे-छोटे बाल देखकर चकित रह गया। उसकी पत्नीअपने बाल बेचकर घड़ी का नया पट्टा हाथ में लेकरखड़ी थी।
यह देखकर दोनों की आँखों से एक साथ आँसू बहने लगे। यह अश्रुपात अपना प्रयास के विफल होने के कारण न होकर एक दूसरे के प्रति पारस्परिक प्रेम केआधिक्यके कारण था।
वास्तव में प्यार करना कुछनहीं है, प्यार पाना कुछ उपलब्धि है किन्तु प्यार करने के साथ-साथ प्रेमपत्रका प्यार पाना ही सच्ची उपलब्धि है। प्यार को अपनेआप मिली वस्तु न मानें, प्यार पाने के लिए प्यार दें।

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