Thursday 5 December 2013

06-12-13


इंसान है तो गलतिया तो होगी ही न उससे ....पर कभी कभी छोटी छोटी गलती पर भी उसको बड़ी सजा मिल जाती है ....जो उसके भावुक मन में जख्म दे जाती है ..किस्मत वाले नहीं होते सभी लोग ..बहुत से लोगो को अपनापन नहीं मिलता ...उनके दिल को प्यार से भरने वाला ..उनके जख्म को अपनेपन का मलहम लगाने वाला नहीं होता ...हम समझ नहीं सकते उनके दर्द को ..ऐसे में बहुत बार उस इंसान की मजबूरी समझे बगैर ..उसे अपनापन देकर उसकी छोटी से गलती को माफ़ कर उसे सुधरने का मौका देने के बजाय बड़ी सजा दे बैठते है .ऐसे में वो व्यक्ति जो पहले से ही दुखी है वो और टूट जाता है और टुटा हुआ व्यक्ति स्वयं और औरो के लिए भी घातक होता है ..कैसा संवेदनहीन होता जा रहा है समाज ..जरा सा पैसा क्या ज्यादा हो जाता है ..गरीबो के प्रति भावना ही जैसे समाप्त हो जाती है ....बहुत बार ऐसे ही व्यक्ति किसी गरीब बच्चे का दिल दुखा बैठते है ..और अपनेपन के अभाव में वो बच्चा गलत राह में चला जाता है ..जबकि उसे कोई अपनेपन का मलहम लगा देता तो वो समाज में एक अच्छे इंसान के रूप में जीवन व्यतीत करता होता .....
कैसे निष्ठुर हो गए है हम जो गलती करने के बाद हमने कभी किसी को गले लगाना नहीं सीखा...गलती करने वालो को आत्मीयता और अपनापन देना नहीं जाना ..गलतियों पर कभी माफ़ करना नहीं सीखा..
कोई भी व्यक्ति में बदलाव आता है तो उसके दिल को छूने से ही आता है ..यदि दिल के जख्म को कुरेदोगे तो वो हिंसक वृत्ति का होकर अपराधी हो सकता है..और अगर उसके जख्म को अपनेपन का मलहम लगा दोगे तो वो श्रेष्ठ इंसान बन सकता है ...ये सब भावनाओं और संवेदनाओ का ही खेल है ..मत बनो इतने निष्ठुर ..माफ़ करना सीखो ..हमसे भी बहुत बार गलती होती है ...और अगर हमने किसी को छोटी सी गलती पर माफ़ करने के बजाय उसे बड़ी सजा दे दी जो कि उसके जीवन भर के लिए जख्म बन जाए तो फिर आपकी इस बड़ी गलती को तो भगवान् भी माफ़ नहीं करेंगे ...तो फिर क्यों न हम सब प्यार बाटे और अपनेपन से बाते करे ..समाज को कुछ देना है तो इसी रूप में दे ....जय श्री कृष्ण.

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