एक तालाब के किनारे एक पेड़ के नीचे कोई मछ्वारा बैठा हुआ था,
वो छाया के नीचे बैठे अपनी बीड़ी पी रहा था.तभी वहां से एक अमीर
आदमी गुज़रा. उसने मछवारे से पूछा की वो पेड़ के नीचे बैठकर
बीड़ी पीते हुए अपना time waste क्यों कर रहा हैं. इसके जवाब में
मछवारे ने कहा की वो पर्याप्त मछलियाँ पकड़ चूका हैं. और अब
आराम कर रहा हैं. अमीर आदमी ने ये सुनते ही बोहै चड़ा लीं. उसे
बहुत गुस्सा आया. उसने कहा की : तुम आराम से बैठने के बजाय और
मछलियाँ क्यों नहीं पकड़ लेते.
मछवारे ने पूछा : मैं और मछलियाँ पकड़ के क्या करूँगा?
अमीर आदमी : तुम ज्यादा मछलियाँ पकड़ कर, उन्हें बेचकर
ज्यादा पैसे कमा पाओगे, और एक बड़ी बोट खरीद सकोगे.
मछ्वारा : उसके बाद में क्या करूँगा?
अमीर आदमी : तुम गहरे समुद्र में बोट ले जा सकोगे, फिर और
भी ज्यादा मछलियाँ पकड़ सकोगे. फिर ज्यादा पैसे
कमा पाओगे.
मछ्वारा : और उसके बाद में क्या करूँगा?
अमीर आदमी : तुम बहुत सारी boats खरीद सकोगे और बहुत सारे
लोगों को नौकरी दे पाओगे. फिर और भी ज्यादा पैसे
कमाओगे.
मछ्वारा : और उसके बाद में क्या करूँगा?
अमीर आदमी : अरे तुम मेरी तरह एक बहुत अमीर आदमी बन जाओगे.
मछ्वारा : अच्छा उससे क्या होगा?
अमीर आदमी : फिर तुम अपनी जिंदगी शांति और ख़ुशी से
कट पाओगे.
मछ्वारा : क्या मैं अभी ये नहीं कर रहा हूँ? मैं
तो अभी भी शांति से जी रहा हूँ. और खुश भी हूँ.
Moral: आपको खुश रहने के लिए कल की राह देखने
की आवश्यकता नहीं हैं. और ज्यादा अमीर बनने की भी नहीं, न
ही अधिक शक्तिशाली बनने की. जिंदगी अभी हैं, इसे
अभी जिए.
अमीर आदमी : अरे तुम मेरी तरह एक बहुत अमीर आदमी बन जाओगे.
मछ्वारा : अच्छा उससे क्या होगा?
अमीर आदमी : फिर तुम अपनी जिंदगी शांति और ख़ुशी से
कट पाओगे.
मछ्वारा : क्या मैं अभी ये नहीं कर रहा हूँ? मैं
तो अभी भी शांति से जी रहा हूँ. और खुश भी हूँ.
Moral: आपको खुश रहने के लिए कल की राह देखने
की आवश्यकता नहीं हैं. और ज्यादा अमीर बनने की भी नहीं, न
ही अधिक शक्तिशाली बनने की. जिंदगी अभी हैं, इसे
अभी जिए.
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