श्री कृष्ण का माता यशोदा से प्रेम
एक बार रुक्मणि आदि रानियों ने पूँछा प्रभु आप व्रज
को, नन्दबाबा और यशोदा मईया को जितना प्रेम
करते है वैसा प्रेम हमने और किसी के लिए नहीं देखा.
भगवान कृष्ण ने उस समय तो कुछ नहीं कहा सुबह हुई
तो भगवान कृष्ण रानियों से बोले -कल रात को तुम मै से
किसी ने मुझे दूध नहीं दिया. तुम सब जानती हो मै दूध
पीकर ही सोता हूँ.
इस पर रानियाँ बोली - प्रभु! हमें याद था परन्तु आप
जल्दी सो गए थे, आपको जगाना उचित
नहीं समझा इसलिए नहीं दिया. प्रभु बोले
जानती हो जब कभी मै वृंदावन में बिना दूध पिए
सो जाता था तब मेरी यशोदा माँ दूध लेकर मेरे
सिरहाने सारी रात
खड़ी रहती थी कि लाला अभी सो गया तो कोई बात
नहीं, रात में यदि लाला कि नीद खुली तो मै उसे
पिला दुंगी.और जब रात्रि में मेरी कभी नीद
खुलती थी तो माँ को सिरहाने खड़ा पाता था. कल तुम
सब ने पूंछा था न बस इसलिए मै मईया यशोदा को हर
पल याद करता हूँ.
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