Thursday, 21 November 2013

22-13-13


एक बार एक गाँव की सीमा पर एक घोड़े पर सवार यात्री पहुंचा. वहां खेत में काम कर रहे किसान को देखकर उसने पूछा, ‘भाई, यह गाँव कैसा है ? मुझे बहुत दूर तक जाना है इसलिए कुछ दिनों के लिए मैं यहाँ रुकना चाहता हूँ. ‘ किसान ने यात्री से पूछा, ‘ आप यहाँ से पहले जहाँ से आये हैं वह जगह कैसी थी ? ‘

यात्री ने उत्तर दिया, ‘ इससे पहले मैं एक गाँव में ही था. वहां के लोग बड़े ही झगड़ालू थे. बात-बात में लड़ना उनकी आदत थी. इसलिए मैं वहां ज्यादा समय के लिए नहीं रुक सका. ‘

किसान ने कहा , ‘मेरी सलाह है आपको कि आप यहाँ भी ना रुके क्योंकि यहाँ के लोग तो और भी ज्यादा बुरे हैं. ‘ यात्री यह सुनकर तुरंत वहां से चला गया. उसके जाने के कुछ समय पश्चात एक और यात्री वहां आया. उसने भी किसान से यही पूछा , ‘यह गाँव कैसा है ? क्या मैं यहाँ रुक सकता हूँ ? ‘ किसान ने उससे भी यही पूछा कि आप जिस जगह से आये हैं वह जगह कैसी थी ? यात्री ने कहा , ‘वह गाँव और वहां के लोग बहुत अच्छे थे. अगर मुझे आगे ना जाना होता तो मैं वहीं रुक जाता. मुझे दूर तक जाना है इसलिए बीच में रुकना चाहता हूँ. ‘ किसान तुरंत बोला, ‘ मित्र आपका इस गाँव में स्वागत है. यहाँ के लोग और भी ज्यादा अच्छे हैं. आप यहाँ रुक सकते हैं. ‘

पास ही के खेत में एक और किसान काम कर रहा था. उसने पहले किसान से पूछा, ‘भाई, तुमने पहले यात्री को तो गाँव के लोगों का बर्ताव बुरा बताया और दुसरे को अच्छा. ऐसा क्यों ? पहले किसान ने उत्तर दिया, ‘ भाई, पहला यात्री नफरत लेकर आया था इसलिए वह जहाँ भी जाएगा नफरत ही फैलाएगा. दूसरा अपने साथ प्रेम लेकर आया था इसलिए जहाँ भी जाएगा और रहेगा हमेशा प्रेम ही देगा. अगर पहला यात्री यहाँ रुकता तो उसका हमारे गाँव पर बुरा प्रभाव पड़ता इसलिए मैं नहीं चाहता था कि वह यहाँ रुके.

दूसरा किसान पहले की बात से सहमत हो अपने काम में लग गया.

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