16-11-13
एक बुजुर्ग व्यक्ति काफी दूर से लकड़ियों का गट्ठर अपने
सिरपर लादे चला आ रहा था। वह बुरी तरह थक
चुका था।
जब उससे बर्दाश्त नहीं हुआ तो उसने अपने बोझ को जमीन
पर फेंक दिया और मृत्यु को इस दर्द से निजात दिलाने के
लिए पुकारा।
अगले ही पल मृत्यु उसके समक्ष आ खड़ी हुयी और पूछने
लगी कि वह क्या चाहता है?
बुजुर्ग व्यक्ति बोला - "मुझ पर सिर्फ इतनी कृपा करें
कि यह लकड़ी का गट्ठर फिर से मेरे सिर पर रखने में
सहायता कर दें।"
" जीवन अत्यंत प्रिय होता है। हताशा में मृत्यु
को पुकारना तो आसान है परंतु वास्तव में मृत्यु का वरण
करना बहुत कठिन है।?
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