31-10-13
दिवाली पर बरतें सावधानियां:
यदि आग कपड़ों में लग गई हो तो कंबल या मोटे कपड़े से व्यक्ति को ढंककर जमीन
पर लेटने को कहें और जले हुए भाग को नल के खुले पानी के नीचे रखें।
पहने हुए कपड़े चिपक जाने पर उन्हें खींचकर न उतारें, कैंची से काटकर बहुत ध्यान से उतारें, किसी भी हालत में त्वचा को छिलने न दें।
दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को न घेरें। उसे खुली हवा की सबसे ज्यादा जरूरत है, वह उसे मिलने दें।
अगर थोड़ा बहुत जला है तो घाव पर दवा लगाएं। वरना तुरंत चिकित्सक के पास जाएं। यह सब करते समय घबराएं नहीं और गाड़ी बहुत तेज न चलाएं।
दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति की स्थिति गंभीर होने पर खुद डॉक्टर न बनें।
दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को सांत्वना दें, गलती के लिए डांटने-फटकारने से
बचें।
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-पटाखे छोड़ने से पहले खुली जगह तलाश लें। आप घर या बाहर जहां भी पटाखे
जला रहे हों, ध्यान रखें कि उसके आसपास आसानी से जलने वाली कोई चीज मसलन
पेट्रोल, डीजल, केरोसिन या गैस सिलिंडर वगैरह न रखा हो।
-पटाखे
छुड़ाते समय बच्चों के साथ रहें और उन्हें पटाखे चलाने का सुरक्षित तरीका
बताएं। छोटे बच्चों को पटाखे न जलाने दें। पांच साल से छोटे बच्चों को तो
फुलझड़ी भी न जलाने दें, इन्हें खुद जलाकर बच्चों को दिखाएं।
-पटाखे जलाने के लिए मोमबत्ती या लंबी लकड़ी का इस्तेमाल करें। माचिस से आग लगाना खतरनाक हो सकता है।
एक बार में एक ही पटाखा चलाएं। एक साथ कई पटाखे छोड़ने की हालत में आपका
ध्यान बंट सकता है और यही लापरवाही हादसे की वजह बन जाती है।
- पटाखे को टिन या शीशे की बोतल में रखकर कभी न चलाएं।
- पटाखे चलाते समय पास में एक बाल्टी पानी जरूर रखें।
आप सभी को एडवांस मे हैपी दीपावली
जय श्री राम.
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