Monday, 14 October 2013

15-10-13



Jai Shree Krishna
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दो भाई थे। एक की उम्र 8 साल दूसरेकी 10
साल।
दोनों बड़े ही शरारती थे। उनकी शैतानियों से
पूरा मोहल्ला तंग आया हुआ था। माता-
पिता रात-
दिन
इसी चिन्ता में डूबे रहते कि आज पता नहीं वे
दोनों क्या करेंगे।
एक दिन गांव में एक साधु आया।
लोगों का कहना था कि बड़े ही पहुंचे हुए
महात्मा है।
जिसको आशीर्वाद दे दें उसका कल्याण
हो जाये।
पड़ोसन ने बच्चों की मां को सलाह दी कि तुम
अपने
बच्चों को इन साधु के पास ले जाओ। शायद
उनके
आशीर्वाद से उनकी बुध्दि कुछ ठीक हो जाये।
मां को पड़ोसन की बात ठीक लगी। पड़ोसन ने यह
भी कहा कि दोनों को एक साथ मत ले
जाना नहीं तो क्या पता दोनों मिलकर वहीं कुछ
शरारत
कर दें और साधु नाराज हो जाये।
अगले ही दिन मां छोटे बच्चे को लेकर साधु के
पास
पहुंची। साधु ने बच्चे को अपने सामने
बैठा लिया और
मां से बाहर जाकर इंतजार करने को कहा।
साधु ने बच्चे से पूछा- बेटे, तुम भगवान
को जानते
हो न? बताओ, भगवान कहां है?
बच्चा कुछ नहीं बोला बस मुंह बाए साधु की ओर
देखता रहा।
साधु ने फिर अपना प्रश्न दोहराया पर
बच्चा फिर
भी कुछ नहीं बोला।
अब साधु को कुछ चिढ़ सी आई, उसने
थोड़ी नाराजगी प्रकट करते हुये कहा- मैं
क्या पूछ
रहा हूं तुम्हें सुनाई नहीं देता,जवाब दो, भगवान
कहां है?
बच्चे ने कोई जवाब नहीं दिया बस मुंह बाए साधु
की ओर हैरानी भरी नजरों से देखता रहा।
अचानक जैसे बच्चे की चेतना लौटी। वह
उठा और
तेजी से बाहर की ओर भागा। साधु ने आवाज
दी पर
वह रूका नहीं सीधा घर जाकर अपने कमरे में पलंग
के
नीचे छुप गया। बड़ा भाई, जो घर पर ही था, ने
उसे
छुपते हुये देखा तो पूछा- क्या हुआ? छुप
क्यों रहे
हो?
"भैया, तुम भी जल्दी से कहीं छुप जाओ।" बच्चे
ने
घबराये हुये स्वर में कहा।
"पर हुआ क्या?" बड़े भाई ने भी पलंगके नीचे
घुसने
की कोशिश करते हुये पूछा।
"अबकी बार हम बहुत बड़ी मुसीबत में फंस गये
हैं।
भगवान कहीं गुम हो गया है और लोग समझ रहे हैं
कि इसमें हमारा हाथ है !

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