नवदुर्गा का छठवां स्वरूप मां कात्यायनी नवरात्रि में छठे दिन कीजिए मां कात्यायनी की पूजा
कात्य गोत्र में विश्व प्रसिद्ध महर्षि कात्यायन ने भगवती पराम्बा की
उपासना की। कठिन तपस्या की। उनकी इच्छा थी कि उन्हें पुत्री प्राप्त हो। तब
मां भगवती ने उनके घर पुत्री के रूप में जन्म लिया। इसलिए यह देवी
कात्यायनी कहलाईं।
इस देवी की उपासना करने से परम पद की प्राप्ति होती है। इसलिए कहा जाता है
कि इनकी उपासना और आराधना से भक्तों को बड़ी आसानी से अर्थ, धर्म, काम और
मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति होती है। उसके रोग, शोक, संताप और भय नष्ट हो
जाते हैं। जन्मों के समस्त पाप भी नष्ट हो जाते हैं।
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