19.02.13
कहाँ हैं भगवान ?
एक आदमी हमेशा की तरह अपने नाई की दूकान पर बाल कटवाने गया.
बाल कटाते वक़्त अक्सर देश-दुनिया की बातें हुआ करती थीं…. आज भी वे
सिनेमा, राजनीति औरखेल जगत , इत्यादि के बारे में बातकर रहे थे कि अचानक
भगवान् के अस्तित्व को लेकर बात होने लगी.
नाई ने कहा , “ देखिये भैया ,आपकी तरह मैं भगवान् के अस्तित्व में यकीन नहीं रखता .”
“तुम ऐसा क्यों कहते हो?”,आदमी ने पूछा .
“अरे , ये समझना बहुत आसान है , बस गली में जाइए और आप समझ जायेंगे कि
भगवान् नहीं है. आप ही बताइए किअगर भगवान् होते तो क्या इतने लोगबीमार
होते? इतने बच्चे अनाथ होते ? अगर भगवान् होते तो किसी को कोई दर्द कोई
तकलीफ नहीं होती”,नाई ने बोलना जारी रखा , “मैं ऐसे भगवान के बारे में नहीं
सोच सकता जो इन सब चीजों को होने दे . आप ही बताइए कहाँ है भगवान?”
आदमी एक क्षण के लिए रुका , कुछ सोचा, पर बहस बढे ना इसलिए चुप ही रहा .
नाई ने अपना काम ख़तम किया और आदमी कुछ सोचते हुए दुकान से बाहर निकला और
कुछ दूर जाकर खड़ा हो गया. . कुछ देर इंतज़ार करने के बादउसे एक लम्बी
दाढ़ी – मूछ वाला अधेड़ व्यक्ति उस तरफ आता दिखाई पड़ा, उसे देखकर लगता था
मानो वो कितने दिनों से नहाया-धोया ना हो.
आदमी तुरंत नाई कि दुकान में वापस घुस गया और बोला , “ जानते हो इस दुनिया में नाई नहीं होते!”
“भला कैसे नहीं होते हैं?, नाई ने सवाल किया, “ मैं साक्षात तुम्हारे सामने हूँ!! ”
“नहीं ” आदमी ने कहा, “ वो नहीं होते हैं, वरना किसी की भी लम्बी दाढ़ी –
मूछ नहीं होती पर वो देखो सामने उस आदमी की कितनी लम्बी दाढ़ी-मूछ है !!”
“अरे नहीं भाई साहब नाई होते हैं लेकिन बहुत से लोग हमारे पास नहींआते .” नाई बोला
“बिलकुल सही ” आदमी ने नाई को रोकते हुए कहा ,”यही तो बात है , भगवान भी
होते हैं पर लोग उनके पास नहीं जाते और ना ही उन्हें खोजने का प्रयास करते
हैं, इसीलिए दुनिया में इतना दुःख-दर्द है.”
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