Saturday, 2 February 2013

03.02.13


एक व्यक्ति अपने दो पुत्रों को चिडियाघर ले
गया। टिकट खिडकी पर प्रवेश टिकटों का मूल्य
इस प्रकार लिखा था, छ: वर्ष से छोटे
बच्चों को नि:शुल्क प्रवेश। छ: वर्ष से बारह
वर्ष तक के बच्चों के लिए पांच रुपए। अन्य,
दस रुपए।
व्यक्ति ने टिकट बेचनेवाले को रुपए देते हुए
कहा, छोटा लडका सात साल, बडा लडका तेरह
साल और एक टिकट मेरा।
टिकट बेचनेवाले ने कहा, आप अजीबआदमी हैं!
आप कम से कम दस रुपये बचा सकते थे। छोटे
को छ: साल का बताते और बडे को बारह साल
का। मुझे एक-एक साल का अंतर थोडे
ही पता चलता।
व्यक्ति ने कहा, आपको तो पता नहीं चलता,
लेकिन बच्चों को तो उनकी उम्र पता है और मैं
नहीं चाहता कि वे इस बुरी बात से सीख लें और
यह एक कुरीति बन जाए!

*एक बालक के संस्कारों की पहली पाठशाला उसका घर
ही होता हैं.*

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