पम्पा सरोवर में प्रभु राम स्नान करने रोज जाते है !स्नान करने से पहले अपना बाण जमीन में गाढ़ देते है !आज स्नान करके जब अपना बाण जमीन से बाहर निकाला है तो बाण के मुख पर खून लगा हुआ पाते है !प्रभु राम लक्ष्मण से कहते है कि देखो तो सही क्या बात है !खुदाई की है ;देखा एक मेंढक टर्र-टर्र कर रहा था अधमुहा सा हुआ !
प्रभु मेंढक से पूछते है कि हर समय तो आप टर्र टर्र करते हो पर जब बाण लगा तब क्यों नहीं बोले ?
मेंढक बोला -जब जीवनदाता ही प्राण लेना चाहे तो फरियाद किससे करू ;चुप रहने में ही भलाई है !
साधकजनों जीवन जीने की कला बता रहा है मेंढक !परमात्मा की इच्छानुसार जीने में ही सुख है !जीवन में सुख-दुःख दोनों ही को परमात्मा का प्रसाद मान कर तो ग्रहण कीजियेगा ;इसी में ही हमारा कल्याण है
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