Sunday, 23 September 2012

Shri Krishna: The Supreme Lord. 24.09.2012

======Shri Krishna: The Supreme Lord=====

“I am the creator, the sustainer and the destroyer of all the worlds, There is nothing superior to Me, everything existing is connected to Me like Pearls on a thread, I am the sweetness of flavor in water, the radiant luster of the Sun and the moon, the primordial root syllable Om within all the Vedas, the subsonic element of sound in ether, and ability i
n man”

हे अर्जुन! मैं सम्पूर्ण जगत का निर्माता, पालनकर्ता एवं संहारक हूँ| मुझसे सर्वोच्च कोई और नही है । यह सम्पूर्ण जगत मणियों के सदृश मुझमें ही गुँथा(जुड़ा) हुआ है॥ मैं जल में रस हूँ, चन्द्रमा और सूर्य में प्रकाश हूँ, सम्पूर्ण वेदों में ओंकार हूँ, आकाश में शब्द और पुरुषों में पुरुषत्व हूँ॥

“हरि ॐ तत् सत्”


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